रविवार, 5 अक्टूबर 2025

याद स्मृतियों में रहती है

 
याद स्मृतियों में रहती है 
रोज़ रोज़ पूजकर 
अपराध करने से नहीं !
स्मृतियों के इतिहास 
वास्तविक होते हैं ।
मूर्तियों और किताबों में 
झूठ का इस्तेमाल होता है ।
इसलिए इतिहास पुनर्लेखन 
की बात करते हैं ।
जिन्हें केवल अपना
हित दिखता है।
इतिहास तथ्यों पर आधारित होता है।
गढ़ा नहीं जाता
मढ़ा नहीं जाता।

-डॉ लाल रत्नाकर

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