सवाल यह है कि
सवाल पूछें किससे?
उनसे जिन्होंने जवाब रट रखा है।
अन्याय की किताब से।(मनुस्मृति)
जीवन को पत्थर समझ रखा है।
मन को लूटेरा बना रखा है।
दिल की जगह गड्ढा खोद रखा है।
जिसमें कचरा डालकर।
खाद बना रहा है।
भविष्य की फसल उगाने का।
जिसने चोरी के हर हथकंडे।
सिखा है और सिखा रहा है।
पूरी दुनिया को भरमा रहा है ?
-डॉ लाल रत्नाकर

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