चित्र : डॉ. लाल रत्नाकर (डिज़िटल स्केच) |
क्या?
हमारी मेहनत का हिस्सा।
उस लूट में शरीक है कहीं।
सब्जबाग और लफ्फाजी का।
हमारी भूख से मतलब है कहीं?
जनता से कोई सलूक है सही।
हमारी मेहनत का हिस्सा।
उस लूट में शरीक है कहीं।
सब्जबाग और लफ्फाजी का।
हमारी भूख से मतलब है कहीं?
जनता से कोई सलूक है सही।
नोट के रंग बदलो ?
वोट के ढंग बदलो।
इससे देश नहीं बदलता।
इससे तुम बदल जाओगे।
मेहनतकश नहीं बदलता।
हमारी मेहनत का मतलब ।
तुम्हारी नफरत है या नहीं।
वोट के ढंग बदलो।
इससे देश नहीं बदलता।
इससे तुम बदल जाओगे।
मेहनतकश नहीं बदलता।
हमारी मेहनत का मतलब ।
तुम्हारी नफरत है या नहीं।
बात करते हो मेरी गरीबी की।
और लूटते हो उसके लिए।
हमारे अधिकारों का मतलब।
तुम्हारी सोहरत है हो चली।
और लूटते हो उसके लिए।
हमारे अधिकारों का मतलब।
तुम्हारी सोहरत है हो चली।
तुम समझते हो अपने को।
दुनिया का सबसे काबिल।
हमें दो रोटियां नहीं मिलती।
तुम इतरा रहे हो इतना?
सूट और लूट पर उसके।
दुनिया का सबसे काबिल।
हमें दो रोटियां नहीं मिलती।
तुम इतरा रहे हो इतना?
सूट और लूट पर उसके।
चलो तुमको भी झेलेंगे।
अकाल और सूखे की तरह?
भूख और बीमारी की तरह?
नौजवां की बेरोजगारी की तरह ?
वक्त की महामारी की तरह!
अकाल और सूखे की तरह?
भूख और बीमारी की तरह?
नौजवां की बेरोजगारी की तरह ?
वक्त की महामारी की तरह!
-डा.लाल रत्नाकर
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