घूम घूम कर थक गए भैया देश विदेश !
किसको कहाँ बिठाएंगे लुटे हैं जो देश !
पोल यहाँ पर खुल गयी राष्ट्रवाद का ढोंग !
मोदी संग मोदी दिखा दाबोश प्रवास में !
जाँच यहाँ पर चल रही वहां जमा है माल !
वो बैठा परदेश में उड़ा लिया सब माल !
कैसा किया कमाल कमल तू देश हुआ बेहाल !
चप्पा चप्पा खोल रहा है अच्छे दिन का हाल !
पगले अंदर से तू खोखला बाहर से बलवान !
मानेगा तू लट्ठ से जब जनता ले तुम्हे दौड़ाय !
डॉ.लाल रत्नाकर
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