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शनिवार, 2 फ़रवरी 2019
यही हमारा धर्म ग्रंथ है।
यही हमारा है अभिमान।
इसकी इज्जत करना हमको।
यही आधुनिक है विग्यान।
सत्ता और सामंती व्यवस्था।
की नजरों में खटक रहा यह,
भारत का संविधान।
संकट उनका यही ग्रंथ है,
जिसमें समता भरी महान।
-डॉ लाल रत्नाकर
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