सोमवार, 15 फ़रवरी 2021

किसान हूं

 


किसान हूं
इंन्सान हूं
मेहनतकश हूं।
बेईमान नहीं हूं।
मेरा परिवार भी है
उसकी संतति को
आगे भी चलना है।
क्योंकि ?
देश इसी क्रम से।
मैं किसान हूं।
मेरी आने वाली पीढ़ी भी
किसान रहेगी?
क्योंकि वह बेईमान नहीं है।
देश उसका है।
क्योंकि वह किसान है।
जानू ! मैं भी किसान हूं।

क्या आपने कभी किसानी की है।
कैसे फैसला कर सकते हो
किसान के मामले में।
पहली बार किसान ने
अपने अधिकारों के लिए
इतना बड़ा जमावड़ा किया है
क्योंकि आपने विश्वासघात किया है।
जी आप जितने भी बड़े पद पर हो।
लेकिन आप किसान नहीं हो।

सचमुच ?
आप किसानों के दुश्मन हो?
क्योंकि मुझे नहीं लगता
कि आप किसान के दर्द जानते हो।
इसलिए कि आप किसान नहीं हो।
आपको श्रम से नफरत है।
किसान में नफरत नहीं होती।
भाईचारा और मोहब्बत होती है।
विश्वासघात नहीं होता।
जो विश्वासघाती हैं।
वह कम से कम,
किसान नहीं हैं।
मैं किसान हूं।
और किसानों के साथ हूं।

डॉ लाल रत्नाकर

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