सोमवार, 15 फ़रवरी 2021

क्या तुम सुरक्षित हो !

 लोग मारे जा रहे हैं।
मारे जाने वाले लोगों की जातियां
चिन्हित है और खास करके एक ही है।
यह सब जानबूझकर किया जा रहा है।
या स्वत: हो रहा है।
बहुत सारे लोग पाखंड के
शिकार तो हो ही रहे हैं।
कुछ पता नहीं है ?
कब किसकी बारी आ जाए।
यह कैसा आतंकवाद है।
अपराध है या अपराध से बाहर है।
निरापराधी को पकड़ कर के
बिना अपराध के मार डालना।
यह पुलिस को अधिकार।
कहां से मिल गया है।
यही तो हुआ है जो हमारे
जौनपुर के नौजवान के साथ।
कल ही तो किया है।
यह खबर आग की तरह,
फैल भी गई लोग इकट्ठा भी हो गए।
सड़क जाम हो गई।
अफरा तफरी फैल गई।
प्रशासन के हाथ पांव फूल गए।
मगर हुआ क्या?
हमारा तंत्र किस कदर?
शातिर हो गया है।
लोग मारे जा रहे हैं।
क्या तुम सुरक्षित हो !
 
- डॉ लाल रत्नाकर

 

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