जंगलराज की इंतहा है
योगी और मोदी सरकार
का कहर जाति विशेष पर
बरप रहा है।
कहां गए वह लोग जो
यादव राज यादव राज
करते हुए चिल्ला रहे थे।
कहां गई वह पत्रकारिता जो
जंगलराज कहते हुए नहीं थकती थी।
कहां गए समाज के
जागरूक लोग।
अपने को बुद्धिजीवी
कहने वाले वे लोग ।
जो इस बात से निश्चिंत हैं
कि यह मौजूदा सत्ता
देश को आगे ले जाएगी।
जहां पर सत्ता का घिनौना रूप
आए दिन दिखाई दे रहा है।
पुलिस का इस तरह का आचरण
हमारी न्यायपालिका को
नजर क्यों नहीं आ रहा है।
स्वत: संज्ञान लेकर के
इस तरह के निरंकुश कर्मचारियों को
फांसी की सजा देने का
काम क्यों नहीं किया जा रहा है।
अगर समाज का जागरूक नागरिक
अब भी सोता रहा तो ।
निश्चित तौर पर चुन-चुन कर
वह लोगों को मारेंगे ।
और आतंकवाद का साम्राज्य
बनाने से इन्हें रोका नहीं जा सकता।
शर्मसार करती हुई घटनाएं घट रही है।
योगी और मोदी सो रहे हैं।
सज रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं।
यह देश के शासक नहीं हो सकते।
इनमें कतई निरपेक्षता नहीं है।
राष्ट्रवाद राष्ट्रवाद करके
राष्ट्र के लोगों को ही नष्ट कर रहे हैं।
नाम दे देंगे अपराधी था।
बहुत कुछ कहने को इनके लिए मीडिया मौजूद है।
स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता का गला घोट चुकी सत्ता
कोई ना कोई अपराध इस नीरीह व्यक्ति पर मढ़ देगी ।
- डॉ लाल रत्नाकर
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