मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

लोगों को ठगना और उल्लू बनाना

 एक प्रचारक


यदि झूठ ना बोले
जुमले ना बोले
तो कौन उसकी बात पर विश्वास करेगा
उसका तो काम ही होता है
अपना माल बेचना
ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना
लोगों को ठगना और उल्लू बनाना
यह प्रचारक आपको
बस अड्डों पर मिल जाएगा।
संघ के संगठनों में मिल जाएगा।
और आजकल तो देश के
सबसे ऊंचे पद पर मिल जाएगा।
समझ में आया और नहीं आया।
तो अपनी औलाद को एमबीए कराइए।
और बड़े-बड़े कंपनियों में।
झूठ परोसने के लिए रोजगार दिला दीजिए।
जब यहां पर नई शिक्षा आई थी।
शिक्षा को रोजगार परक बनाया जा रहा था।
और 12 वीं पास बच्चों को मैनेजर बनाया जा रहा था।
तब आपने क्या समझा था।
यह सब राष्ट्र निर्माता बनेंगे।
यह ट्रिपल क्यू वाले हैं।
जो स्टील की चीज को भी।
मिट्टी का बता कर बेच देते हैं।
आपकी जेब काटकर।
जेब सिलने का सामान
आप को पकड़ा देते हैं।
विश्व गुरु बनने का सपना।
उसने ऐसे ही थोड़े देखा है।
यह माना की नई शिक्षा नीति।
राजीव गांधी लेकर के आए थे।
ईवीएम का फैसला कांग्रेस ने किया था।
मगर जिस तरह की फौज भक्त बनी है।
उसने ऐसे ही विश्व गुरु के लिए।
अपना जीवन न्यौछावर किया है।
एक प्रचारक
यदि झूठ ना बोले
जुमले ना बोले
तो कौन उसकी बात पर विश्वास करेगा
उसका तो काम ही होता है
अपना माल बेचना
ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना
लोगों को ठगना और उल्लू बनाना
ही तो हैं।
डॉ लाल रत्नाकर

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