मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

जिसमें बीजूका सिरमौर है

 


यह कैसा दौर है
जिसमें बीजूका सिरमौर है
सांसे बैठती जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट तक मौन है।
कहां है हमारा संविधान।
कहां है उसको मानने वाला इंसान।
अच्छे दिन का बहाना बनाकर।
देश को उल्लू बना कर।
कहां छुप गया है।
क्या बीजूके को उठा ले गया है।
बीजूका वोट मांग रहा है।
बीजूका आश्वासन दे रहा है।
बिजूका पूरी दुनिया में घूम रहा है।
पूरी दुनिया में बीजूके की .......!
थू थू हो रही है।
क्योंकि उसके देश में।
बीजूके से देश नहीं संभल रहा है।
जनता में हाहाकार मचा हुआ है।
सांस के लिए लाचार पड़ा हुआ है।
अस्पतालों में जगह नहीं है।
श्मसान घाट बनाने की बात कर रहा था।
बिजूका क्या जानता था
आने वाले दिनों में
श्मशान कि कमी पड़ जाएगी।
निश्चित तौर पर उसकी मंशा।
का बहुत बड़ा हिस्सा।
हैवान और श्मशान में ठहरा हुआ है।
गुजरात से लेकर देश तक।
लोगों की सांसें रूकती जा रही है।
यह कैसा दौर है
जिसमें बीजूका सिरमौर है
सांसे बैठती जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट तक मौन है।
कहां है हमारा संविधान।
कहां है उसको मानने वाला इंसान।
अच्छे दिन का बहाना बनाकर।
लोगों को फुसलाकर।
बिजूका वोट मांग रहा है।
देश चल नहीं रहा है।
बंगाल चलाने की कसम खा रहा है।
- डॉ लाल रत्नाकर

कोई टिप्पणी नहीं: