सही पकड़ा गुरु।
तो अपने थे ना वह।
नया विमान लाए हैं।
घुमा लाते हर कंट्री।
कोई बात नहीं।
मन की बात में संदेश भेज देना
शायद अमल कर ले
बेटी बचाओ
बेटी पढ़ाओ
की बजाय अगला नारा
विदेश घूम आओ,का गढ़ लें।
जुमलों से पहले
और उसके बाद भी।
होना तो कुछ भी नहीं है।
केवल धर्म और संस्कृति
के थोथे आख्यान !
देश को कर दिया है
वियाबान।
डॉ लाल रत्नाकर
तो अपने थे ना वह।
नया विमान लाए हैं।
घुमा लाते हर कंट्री।
कोई बात नहीं।
मन की बात में संदेश भेज देना
शायद अमल कर ले
बेटी बचाओ
बेटी पढ़ाओ
की बजाय अगला नारा
विदेश घूम आओ,का गढ़ लें।
जुमलों से पहले
और उसके बाद भी।
होना तो कुछ भी नहीं है।
केवल धर्म और संस्कृति
के थोथे आख्यान !
देश को कर दिया है
वियाबान।
डॉ लाल रत्नाकर
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