रविवार, 1 अक्तूबर 2023

पिछड़ों से आने की सख्त जरुरत है।

 

उसे मूर्खों जाहिलों और काहिलों की 
पिछड़ों से आने की सख्त जरुरत है। 
जिससे वह अपने नफरती अभियान 
भलीभांति चला सके ?
यह तब भी मजबूर किये गए थे 
जब इन्हें लूटा गया था धर्म के सहारे 
अछूत बनाकर शूद्र कहा गया था। 
अब इन्हे भी धार्मिक बनाय जा रहा है 
भक्त से भगवान बताया जा रहा है 
क्योंकि इन्हे ज्ञान ही नहीं है हक़ का 
इसीलिए उस कॉपोरेट का नौकर इन्हे 
जुमलों से फसा रहा है। 
जुमले स्लोगन और पब्लिसिटी ही तो है 
उसकी सफलता का हथियार !
जिससे चला सके अपना व्यापार !
करा सके जिससे लोगों की लिंन्चिंग, 
उत्पीड़न और खुलेआम ह्त्या 
बस्तियों को आग लगा सके 
आपस में फुट डालकर झूठ को सच 
और सच को झूठ बताकर !
संविधान की जगह मनुवाद लाकर। 
क्योंकि यह संसद तक में काम आते हैं। 
उसे मूर्खों जाहिलों और काहिलों की 
पिछड़ों से आने की सख्त जरुरत है। 
जिससे वह अपने नफरती अभियान 
भलीभांति चला सके ?

-डा लाल रत्नाकर 

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