क्या कभी आपने सोचा,
आपकी जिंदगी के बाद क्या बचेगा ?
आपकी सोच और आपके कारनामे!
कौन नहीं जानता है।
किस किस को अपने झूठे गौरव गान से।
कब तक बेवकूफ बनाते रहिएगा।
यह तो तय है की एक दिन।
दुनिया के सामने
आपका सच आ जाएगा।
आपके खूबसूरत झूठ का
बदसूरत चेहरा
सामने आ जाएगा,
आपके रूपहले नकाब उतर जाएंगे।
और आप भी उसी तरह से
अग्नि के भेंट चढ़ जाओगे।
जैसे आमतौर पर चंदन घी
और हवन सामग्री।
आपके साथ आपकी दौलत,
शोहरत, नकाब, इज्जत, मान सम्मान।
सब धुएं की तरह फैल जाएगा।
लोगों की आंखों में जहर भर जाएगा।
फिर वह लोग जो भक्त हैं
अंध भक्त हैं आंख मूंदकर।
आपकी स्मृति में मूर्तियां लगाएं,
भजन गायें पर सच कहां से लाएंगे।
क्या कभी आपने सोचा,
आपकी जिंदगी के बाद क्या बचेगा ?
अखंड पाखंड अंधविश्वास।
और नफरती समाज।
डॉ लाल रत्नाकर
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