उन्नति के मार्ग
बाधित करने वाले
क्या तुम्हें पता है।
तुम कर क्या रहे हो।
राह मुश्किल है सबकी,
आसान करो।
अभिमान करो,
सम्मान करो।
दुनिया बहुत बड़ी है।
और वह यहीं रहेगी
जैसे अब तक रही है।
पलायन का ना
इंतजाम करो।
ईमानदारी के
कुछ काम करो।
नहीं तो अब,
आराम करो!
-डॉ लाल रत्नाकर
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