मंगलवार, 17 दिसंबर 2024

हम उन्हें याद कर रहे हैं

 

हम उन्हें याद कर रहे हैं 
जो दुनिया को समझते हैं 
हम उन्हें भी याद कर रहे हैं 
जो दुनिया को नहीं समझते 
मगर हम उन्हें याद नहीं कर रहे हैं 
जो दुनिया को अपनी तरह से समझते हैं। 
हम उन्हें भी याद नहीं कर रहे हैं। 
जो हमें कुछ भी नहीं समझते हैं। 
हम कुछ भी नहीं हैं। 
क्योंकि इन चित्रों के पीछे। 
मैंने श्रम किया है विचारों के साथ। 
मेरे विचारों को जो नहीं समझते। 
मैं उन्हें याद करना चाहता हूं। 
इसलिए नहीं कि वह मेरे मित्र हो जाए। 
केवल इसलिए की उनकी मुलाकात। 
मेरे चित्रों से हो जाए। 
पता नहीं वह आएंगे कि नहीं। 
जिन्हें मैं याद कर रहा हूं। 
मेरा विश्वास है वह भी आएंगे 
जिन्हें मैं याद नहीं कर पा रहा हूं। 


डॉ लाल रत्नाकर


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