मंगलवार, 7 अगस्त 2012

काले थे

डा.लाल रत्नाकर
आज मैंने जो सपना देखा
उसमें यह दीख रहा था
कि मेरे सिर के बाल काले हो गए हैं
सुबह ढ़ूढ़ने लगा उस दर्पण को
वह तो मिला नहीं पर मुझे
विश्वास नहीं हो रहा था
कि मेरे बाल फिर से काले हो गए हैं
लेकिन सपना देखना
और बालों का काला हो जाना
इसका सपने में आने का मतलब
समझ नहीं आया।
कहीं एैसा तो नहीं पेड़ो पर
निकल रही नित नवीन
कोपलों ने एैसा एहसास कराया हो,
चलिए इस जून के महीने में
सालों बाद निरन्तर रहना एक ‘हसीन’
ख्वाब देगा यह एहशास ही काफी है
अब बालों का काला होना न होना
अपने आप में एक पहेली है
गांव में लगभग हर चीज प्राकृतिक है
जिसके अपने रंग हैं
पर पिछली बार जिन्हें देखा था
कि उनके बाल सफेद हो गए हैं
और वो बूढ़े हो चले हैं पर
इस बार वो सब कम से कम
बालों से काले थे।

कोई टिप्पणी नहीं: