सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

कुम्भ के 'महा' हो जाने का

कुम्भ के 'महा' हो जाने का 
तमाम लोगों के जुदा हो जाने का 
जो भी कारण हो 
पर पाखण्ड की पूरी जमात का 
सरकारी इंतजामों का 
घिनौना मजाक 
हर वर्ष और बारहवें वर्ष 
मनाने का .
कारण क्या हैं 'नंगों' को 
सामने लाने का . 
गरीब गुरबों को ठगने का 
बे मौत मर जाने का 
अगर सबकुछ इतना असरदार है 
'कुम्भ' का तो फिर जरूरत क्या है 
अस्पताल, कालेज, न्यायालय आदि 
बनवाने का . 
आओ 'इस' इलाहबाद के तट पर 
बस जाते हैं .
-डॉ लाल रत्नाकर 

कोई टिप्पणी नहीं: