डॉ.लाल रत्नाकर
मल्लिका का बयांन आया है
उनकी नजर में महिलाओं के लिए
भारत अच्छा देश नहीं है !
अगर उन्हें याद दिलाया जाये
की ये वही देश है जिसमें इतनी
आजादी है की वह इस हालत में
देश की महिलाओं पर और
इस देश की अपनी माओं पर
हर तरह की टिपण्णी कर सकती हैं
तसलीमा नसरीन की तरह वे नहीं हैं
क्योंकि ये भारत है, सदियों से इसी तरह
अपनों को ही धिक्कारता रहा है.
फरक इतना है की कभी दलित को
या फिर किसी कमजोर को
जलालत की हद तक ले जाते हैं
कुछ भी कह सकतीं हैं
मल्लिका का बयांन आया है
उनकी नजर में महिलाओं के लिए
भारत अच्छा देश नहीं है !
अगर उन्हें याद दिलाया जाये
की ये वही देश है जिसमें इतनी
आजादी है की वह इस हालत में
देश की महिलाओं पर और
इस देश की अपनी माओं पर
हर तरह की टिपण्णी कर सकती हैं
तसलीमा नसरीन की तरह वे नहीं हैं
क्योंकि ये भारत है, सदियों से इसी तरह
अपनों को ही धिक्कारता रहा है.
फरक इतना है की कभी दलित को
या फिर किसी कमजोर को
जलालत की हद तक ले जाते हैं
कुछ भी कह सकतीं हैं
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें