मंगलवार, 16 जुलाई 2013

राजनेता सोचता क्या है ?

मुझे नहीं पता कि राजनेता सोचता क्या है ?
आज तक सोचने वाले राजनेताओं की कहीं सूची नहीं मिलती 
न किताबों में न इण्टरनेट पर और न ही किसी पार्टी में
क्या आपके पास कोई सूची है ?
कंहते हैं कि गांधी जी सोचते थे पर उन्हें मार दिया गया !
लोहिया जी सोचते थे पर उन्हें कभी तवज्जो नहीं मिला !
वे बहुत कम चुनाव जीते 
पर जो लोग अब चुनकर आते हैं वो बहुत कुछ सोचते हैं।
देश के बारे में नहीं अपने बारे में, 
अपनी औलादों के बारे में केवल और केवल !
इनसे जिन्हें अपेक्षा होती है 
शायद वो विल्कुल इसी तरह के लोग होते हैं

आईए एक बार और सोचते हैं 
उनकी तरह देश और दुनिया की !
कुछ मंजर नजर आया, नही आया।
पर एक चीज तो दिखाई दी की 
जो कुछ है सब अपने लिए ही दिखाई दिया!
और कुछ समझ में नहीं आ रहा है अपने सिवा।
फिर अगर यही सब कुछ है तो इसमें ज्यादा क्या सोचना
सोचो और सोचो पार्टियों के हित के लिए।
क्योंकि ये पार्टिंयां अपनी ही तो हैं इनके लिए सोचो!
दौलत को आने दो बेहिसाब !
अपना विकास होगा तो देश का विकास 
अपने आप हो जाएगा।
आजकल सोच का दायरा इतना ही है।
आईए देश के लिए सोचें।
राजनेताओं की तरह वो किसी भी दल का हो!
अफसर की तरह भले ही वह किसी सरकार का हो।
मुझे नहीं पता कि राजनेता सोचता क्या है ?
आज तक सोचने वाले राजनेताओं की कहीं सूची नहीं मिलती 
न किताबों में न इण्टरनेट पर और न ही किसी पार्टी में
क्या आपके पास कोई सूची है ?
अगर है तो हमें भी मुहैया कराईएगा।
-डा.लाल रत्नाकर




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