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रविवार, 29 जून 2014
भावी नव दीप लिखें
डॉ लाल रत्नाकर
आओ एक गीत लिखें
मिल कर संगीत लिखें
जीवन के सपनों का
धरती के अपनों का
डरावने सपनों का
डरे हुए अपनों का
जीवन का दीप लिखें
भावी नव दीप लिखें
आओ एक गीत लिखें
मिल कर संगीत लिखें.
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