वजह कुछ नहीं आदतन खराब हुआ है
पेट नही पेट के अन्दर का कुछेक अंग ।
मौसम की वजह या बेवजह मेरी आदत
जब भी बची रहे तो औरों की क्या करें ।
उपवास की महत्ता है जो भूख से बडी
खाओ पियो वही जहां विश्वास हो घडी।
अब वादे औ कामकाज सब ठहर गए
मैं भी पडा हुआ हूं पहर और क्या घडी।
दिन मेरा निकल गया है मेरे करीब से
हालत भली रहेगी किसके नसीब से ।
पेट नही पेट के अन्दर का कुछेक अंग ।
मौसम की वजह या बेवजह मेरी आदत
जब भी बची रहे तो औरों की क्या करें ।
उपवास की महत्ता है जो भूख से बडी
खाओ पियो वही जहां विश्वास हो घडी।
अब वादे औ कामकाज सब ठहर गए
मैं भी पडा हुआ हूं पहर और क्या घडी।
दिन मेरा निकल गया है मेरे करीब से
हालत भली रहेगी किसके नसीब से ।
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