बुधवार, 18 नवंबर 2015

जनादेश

जन जन का आदेश
जीत का परिवेश यही है जनादेश
दलितों, पिछड़ों, स्वर्णों का मतभेद
यही है जनादेश, क्यों सदियों का संदेश
हमारी जनता का आदेश
यही है जनता का संदेश
या जनादेश ! जनादेश ।

भाँति भाँति के सन्देश
कहते हैं यही है जनादेश
नेता मंत्री बन गया चमचों का संदेश
वोटर पड़े खटाल में चमचा खाये माल
मंत्री संतरी से घिरा वोटर गया विदेश
जब आयेगा वोट तो लौटेगा वह देश
भैया मैया चैन से साहब का संदेश।
यही यहॉ का जनादेश !


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