गुरुवार, 25 फ़रवरी 2016

मैं जाट हूँ !

मैं जाट हूँ
मैं सरल भी हूँ
तरल भी हूँ
पर कठोर इतना कि
मैं तुम्हे तोड़ डालूँगा
जला दूंगा सबकुछ
क्योंकि हमें हमारा चाहिए
कैसे भी किसी तरह भी !
'राज'
राज आरक्षित है !
यह मेरा देश है प्रदेश है
तुम्हे हमने राज के लिए
नहीं अपने राज के लिए
वोट दिया था !
मैं कट्टर हूँ
तुमने मुझे खट्टर दे दिया
लो फिर दो मुझे 'आरक्षण'
अब तुम्हारा है
यह प्रदेश,
आबादी हमारी
सरकार तुम्हारी
तुम हमें क्या समझ रखे हो
'पिछड़ा'
लाओ पिछड़ों में
कल मांगूगा दलितों में
आरक्षण !
अभी तो बहुत कम
और बहुत कम किया हूँ
सम्पत्ती जलाया हूँ
अभी तो उन्हें जलाउंगा
जिन्हे तुमने मेरा
हक़ सौंपा है
मैं जाट हूँ !
मेरे पे खाप है
जो क़ानून की बाप है
तू मुझे क़ानून सिखाता है
मुझे फ़ोर्स से डराता है
मैं फ़ोर्स हूँ
पोलिस का सोर्स हूँ
ये सब मेरे हैं
और किसान भी
ये चड्ढी नहीं !
लंगोट पहनते हैं
मेरा लट्ठ चलता है
तू मेरा मज़ाक उड़ाता है
मुझे ताकत दीखाता है
यह जाट लैंड है
और मैं जाट हूँ
मैं जाट हूँ !




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