बुधवार, 23 मार्च 2016

होली

होली

होलिका दहन से
होली को जोड़ने का
मतलब निकालना किसी तरह से
नारी का जलाया जाना !
कैसे पर्व हो जाता है !
क्या सारे पर्व के पीछे यही
कारण हैं या कुछ और !
लोग कहते तो हैं मूल निवासियों
की हर हत्या को पर्व में बदलकर
उन्हीं से पूजवाने की ज़्यादती
को पर्व में परिवर्तित कर !
कौन हैं जो ये ख़ुशियाँ मना रहे हैं !
कब पहचानोगे उन्हें जो सदियों से
मूल निवासियों को बेवक़ूफ़ बना रहे हैं !
'होलिका' की व्यथा कथा किसी ने सुनी !
आज महिला को आरक्षण, संरक्षण या
उनके उत्थान के नाम पर क़ानून बना रहे हैं ।
लेकिन हर साल 'होलिका' को जला रहे हैं ।
किसको बेवक़ूफ़ बना रहे हैं, वे कौन हैं ?
पहचानों उन्हें जो परम्परा के नाम पर
अपना उद्यम चला रहे हैं ।
हत्यारे हत्या का उत्सव मना रहे हैं !
बहुत ही कुटिल तरीके से तुम्हें चिढ़ा रहे हैं?
क्यों ? समझे या अभी नहीं ?

@डा.लाल रत्नाकर

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