गुरुवार, 18 अगस्त 2016

भगवन पर आस्था है

डॉ लाल रत्नाकर

अगर आपकी किसी भगवन पर आस्था है
और आप पूजा पाठ कर पवित्र हो जाते हैं

पवित्रता के प्रमाण पत्र  की जरुरत नहीं है
आप कुछ करिये सब पवित्र न्याय सांगत है

लेकिन यदि आप ईमानदार हैं तो दिखाइए
कहाँ से लिया है प्रमाण पत्र ईमानदारी का !

वे ईमानदारी के प्रमाणक क्या धार्मिक है
यदि धार्मिक नहीं हैं तो ईमानदार कैसे है

धार्मिक वही हो सकता है जो मेरा स्वधर्मी हो
अन्यथा उसका धर्म राष्ट्रवादी नहीं हो सकता

हम उसे धार्मिक कह सकते हैं यदि वह हमसे
सम्बद्धता प्राप्त किया है जैसे जैन सिख या बौद्ध

पर मानवता मानवीय धर्म भी कोई धर्म होता है
जिसमें मूर्तियां या भव्य मंदिरों की इमारतें  न हो

कुछ भी कहो हम तुम्हे धार्मिक नहीं कहेंगे
मानवीयता जैसा अधार्मिक काम मत करो

मानवीयता में उसकी जाती का पता कैसे चलेगा
बिना जाती का धर्म पुजारी किस जाती का होगा !

अभी तो धर्म पर दिमाग लगाओ फिर बताओ ?
भाई सरकार के चारों खम्भों को कौन संभालेगा।

पहले धार्मिक होइए फिर पवित्रता की परीक्षा
फिर देखते हैं की हमारे लोगों के बराबर  हैं।

अन्यथा आप अधार्मिक हो और नास्तिकों को
धार्मिक देश में रहने की कोई जरुरत नहीं है !



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