शुक्रवार, 30 मार्च 2018

अफवाहों का दौर समाप्त न हो जाय !

हम और हमारे लोग--------------!

समझते हैं तुम्हारे खोखलेपन को !
सदियों से चली आ रही परम्परा को !
और आगे भी जारी रहेगी इसीलिए तो।
समझते हुए इस बात को मानकर कि ?
नहीं बदलोगे अपने धार्मिक भाव को।
धर्म का प्रयोग तुमने हथियार की तरह।
अब तक तुमने सवर्णों के लिए किया है ।
तभी तो वह गिर गया है तुम्हारे चरणों में।
हम भी इंतजार कर रहे हैं उस पतन तक।
जब ये भक्त तुम्हारे लिए एक भी बचे हैं।
इंतज़ार करेंगे तब तक जब तक यह !
अफवाहों का दौर समाप्त न हो जाय !
-डॉ.लाल रत्नाकर

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