गुरुवार, 13 सितंबर 2018

कौन आ गया है ?


हमारे तुम्हारे मध्य ?
कौन आ गया है ?
पहचानते हो उसे ?
वह जाती छुपाकर,
धर्म को ढंककर,
मर्यादा को तिलांजलि देकर !
तुम्हारे रहस्य जानने के लिए !
भेष बदलकर आया है !
अब उसका सम्मान !
या अपमान करने की !
कुवत किसमें है ?
तुममें या तुम्हारे नेता में ?
क्योंकि उसकी पैनी नज़र !
से बच निकलना कठिन है ?
अभी तक तो यही देखने में आया है !

डॉ.लाल रत्नाकर

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