शनिवार, 8 सितंबर 2018

पंगु

(अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगाया जा रहा अंकुश इसलिए भी लगाया जा रहा है क्योंकि)



पंगु हो गए समाज में
लंगड़े,अपराधी,मवाली
बवाली,साधु,सन्यासी
राजा हो गये हैं !

राजा बनकर ये
सब वही कर रहे हैं !
जो ऊपर वाले आजकल ही नहीं
सदियों से वह यही कर रहे हैं ।

बहुत सारे लोग इन्हें
जो कुछ कह रहे हैं वह
इनसे डरे हुये हैं !
क्योंकि उनमें दम नहीं है !

डॉ.लाल रत्नाकर

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