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देश जल रहा है।
पाखण्ड की राजनीति चल रही है।
भ्रष्टतंत्र के भ्रष्टाचार की कारगुजारियों से,
जब सरकार ने गजब कर रखा हो।
वोट के लिए देश में उफान फैला रहा हो।
यह भारतीय इतिहास का काला काल होगा।
जब सैनिकों की हत्या का सवाल होगा।
आग में धुँआ जब दिख रहा होगा ?
संदिग्ध राज्य व राजनेताओं की ओर !
अंगुलिया तो उठ ही रही होंगी,
अब तो यह सवाल इतिहास बनेगा।
उनके काले कारनामों का।
जिन्होंने जुमले ह्त्या और हमले !
देश में अध्यात्म की तरह परोसा है !
जाती धर्म और सम्प्रदाय को !
जिसने नासूर की तरह पोशा है।
-डा. लाल रत्नाकर
देश जल रहा है।
पाखण्ड की राजनीति चल रही है।
भ्रष्टतंत्र के भ्रष्टाचार की कारगुजारियों से,
जब सरकार ने गजब कर रखा हो।
वोट के लिए देश में उफान फैला रहा हो।
यह भारतीय इतिहास का काला काल होगा।
जब सैनिकों की हत्या का सवाल होगा।
आग में धुँआ जब दिख रहा होगा ?
संदिग्ध राज्य व राजनेताओं की ओर !
अंगुलिया तो उठ ही रही होंगी,
अब तो यह सवाल इतिहास बनेगा।
उनके काले कारनामों का।
जिन्होंने जुमले ह्त्या और हमले !
देश में अध्यात्म की तरह परोसा है !
जाती धर्म और सम्प्रदाय को !
जिसने नासूर की तरह पोशा है।
-डा. लाल रत्नाकर
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