मित्रों लगता है वह अमर हो गया है।
भक्तों को या उसे यह भ्रम हो गया है।
कि वह अंतिम बादशाह साबित होगा।
तमाम लोग आए राज्य किए चले गए।
और उसके अमरत्व से भक्तों की फौज।
संभवत: मध्यकाल में पहुंचा दी गई है।
सच सोचने की शक्ति क्षीण हो गई है।
मस्तिष्क से भी भक्ति में लीन हो गई है।
उसकी साजिशें नजर नहीं आ रही हैं।
कैसी जनता है जो मृदंग बजा रही है ।
डॉ लाल रत्नाकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें