मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

तेरे हत्यारे हाथों में

तुम कहते हो देश सुरक्षित है
तेरे हत्यारे हाथों में।
दलितों को मारा।
मारा तुमने गाय गाय कर।
मुस्लिम और किसानों को।
पुलवामा में किसने मारा।
यह क्यों नहीं बताते हो ?
वोटों के खातिर तुम हमको।
मेरे जवान मरवाते हो।
5 साल तुम घूम रहे थे।
अब कैसा युद्ध रचाते हो।
सेना मेरी सेना है।
सैनिक मेरे अपने हैं।
उनको भी तो सताते हो।
उनके नाम पर वोट मांग कर।
कैसा राज बनाओगे।
पूजीपतियों के राजदार हो।
कैसा देश बनाओगे?
पाखंड और से और,
कहां तक इस मुल्क को
तुम ले जाओगे।

डॉ लाल रत्नाकर

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