पहले तो गाय इफरात हो गई थी
तो लोगों को गाय की वजह से मारा
आजकल ई वी एम इफरात हो गई है
अब ईवीएम से विपक्षियों को मार रहे हो।
कैसा राज है तुम्हारा अन्याय ही सहारा।
क्या वास्तव में तुम इसी तरह के हो।
जिस जनता ने तुम पर विश्वास किया है।
पहले तो ठगी ही गई है अब भी ठग रहे हो।
वाह क्या कहना तुम्हारा जवाब नहीं।
और यहां के जरिए जनता का हिसाब नहीं।
वे जीना ही नहीं जानते केवल विश्वास है।
उन्हें तुम्हारी झूठ पर और तुम हो कि।
झूठ पर झूठ गढ़े जा रहे हो ।
जंगल के राजा की तरह जो मन में आ रहा है।
उसे कहानी की तरह पढ़े जा रहे हो।
भूत प्रेत अन्याय अत्याचार बलात्कार और दुराचार।
क्या नहीं कर रहे हो जो मर्जी में आ रहा है।
चलो यहां की जनता तुम्हें बर्दाश्त कर रही है।
हमारी नियत कह रही है।
तुम अन्याय कर रहे हो अवाम के साथ।
अगर तुम्हारा बद्रीनाथ वाला भगवान है।
जिसके यहां तुम सूट बूट में जाकर।
तप करके आए हो लोकतंत्र को समाप्त करने के लिए।
वरदान मांगा होगा तुमने।
और उस कंदरा में तुम्हें जरूर ज्ञान हुआ होगा।
पाषाण कालीन पुरुष की तरह।
तुम्हारा दिमाग खुल गया होगा आज के
डिजिटल दौर के लिए बहुत सारे सूत्र।
तुम्हें जरूर मिल गए होंगे।
उनका बयान करना जबकि दूबारा तुम वहां पहुंच जाना।
डॉ लाल रत्नाकर
तो लोगों को गाय की वजह से मारा
आजकल ई वी एम इफरात हो गई है
अब ईवीएम से विपक्षियों को मार रहे हो।
कैसा राज है तुम्हारा अन्याय ही सहारा।
क्या वास्तव में तुम इसी तरह के हो।
जिस जनता ने तुम पर विश्वास किया है।
पहले तो ठगी ही गई है अब भी ठग रहे हो।
वाह क्या कहना तुम्हारा जवाब नहीं।
और यहां के जरिए जनता का हिसाब नहीं।
वे जीना ही नहीं जानते केवल विश्वास है।
उन्हें तुम्हारी झूठ पर और तुम हो कि।
झूठ पर झूठ गढ़े जा रहे हो ।
जंगल के राजा की तरह जो मन में आ रहा है।
उसे कहानी की तरह पढ़े जा रहे हो।
भूत प्रेत अन्याय अत्याचार बलात्कार और दुराचार।
क्या नहीं कर रहे हो जो मर्जी में आ रहा है।
चलो यहां की जनता तुम्हें बर्दाश्त कर रही है।
हमारी नियत कह रही है।
तुम अन्याय कर रहे हो अवाम के साथ।
अगर तुम्हारा बद्रीनाथ वाला भगवान है।
जिसके यहां तुम सूट बूट में जाकर।
तप करके आए हो लोकतंत्र को समाप्त करने के लिए।
वरदान मांगा होगा तुमने।
और उस कंदरा में तुम्हें जरूर ज्ञान हुआ होगा।
पाषाण कालीन पुरुष की तरह।
तुम्हारा दिमाग खुल गया होगा आज के
डिजिटल दौर के लिए बहुत सारे सूत्र।
तुम्हें जरूर मिल गए होंगे।
उनका बयान करना जबकि दूबारा तुम वहां पहुंच जाना।
डॉ लाल रत्नाकर
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