मंगलवार, 18 जून 2019

धूर्तों के साम्राज्य में

वोट के नाम पर देश का सैनिक।
पुलवामा में क्या हुआ कौन जानता है।
यह सत्ता का सवाल है और संविधान।
संविधान की अनदेखी क्यों और क्यों ?

जरूरत है आज विवेक और विचार का ?
भारत के बहुजन समाज के सम्मान का ?
कौन करेगा विचार शून्य की राजनीति का ।
आज की तारीख में जाहिलों के राज में ।

बुद्धू समाज में और धूर्तों के साम्राज्य में ,
डरे हुए नेताओं के साथ संघर्ष का विमर्श,
कौन करेगा कौन करेगा सडकों पर संघर्ष। 
संविधान के लिए आत्म-सम्मान का संघर्ष। 

-डॉ लाल रत्नाकर

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