बुधवार, 16 अक्टूबर 2019

वो नाटक कर रहे है।


No photo description available.

हमे क्या आंख दिखाओगे बहुरुपिऐ ?
हमने तुम्हारा रूप देखा है बहुरुपिऐ ?
तुमने धूर्तता की हर हद पार कर दी है।
भक्त अंधे नहीं हैं अंधभक्त होने का ?
वो नाटक कर रहे है।

-डॉ लाल रत्नाकर 

कोई टिप्पणी नहीं: