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चित्र : डॉ.लाल रत्नाकर (रेखांकन) |
बदल डालो जमाने को
मार कर या मरवा कर।
बदल डालो जमाने को
या अफवाह फैलाकर
फुसलाकर बहलाकर ।
बदल डालो जमाने को
यहां सबकुछ मिटाकर।
बदल जाएगा एक दिन यह।
नजारा चल रहा है जो।
तेरी चालाकियां चाल बाजियां,
समय के साथ !
सब कुछ साफ हो जाएगा तेरा भी।
हमारे साथ तुम्हारे साथ।
छल तो छल ही है।
बदल डालो जमाने को।
निशाना जिस पर साधे हो।
-डॉ.लाल रत्नाकर
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