
सुनहरे कवच वालों
क्या कभी आपने सोचा
उनके बारे में भी जिनके बारे में
निरंतर बड़बोली बातें करते हैं।
क्यों करते हैं उनके विकास की बातें।
जब विनाश की नियति तुम्हारी है ।
पूंजीपतियों के गुलाम, गुलामी करो।
अपने व्यापार की सिद्धि करो।
करते हो उपकार की बातें।
यह दुराचार क्यों करते हो।
-डॉ लाल रत्नाकर
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