कितने मन्दिर बनाओगे ?
सैकङों हज़ारों लाखों या करोङो करोण
बनाओ जरूर बनाओ !
पर यह भी ध्यान रहे कि ?
यदि लोगों को धर्म का ज्ञान हो गया तो ?
अधर्म पर हमला जरूर बोलेंगे !
अधर्म का केंद्र कहीं मंदिर हुए तो !
मंदिरों का तोड़ा जाना कैसे रुकेगा !
लोगों को पागल बनाओ कुत्तों की तरह।
और उन्हें ही चौकीदार बना लो !
नारे गढ़ो हिन्दुत्वा के, गाली की तरह।
लिखो इबारत झूठ की दीवारों पर।
व्यापार बना लो मंदिरों को।
गोदाम की तरह अपने !
बनाओ मंदिर उनके लिए।
जिन्हे बेवकूफ बना रखा है।
जुमलों से धर्म के नाम पर।
-डॉ लाल रत्नाकर
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