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रविवार, 29 दिसंबर 2019
लड़ो
लड़ो लड़कर अब क्या करोगे !
जब लड़ना था तब झगड़ रहे थे !
किससे भाग रहे थे अपनों से ?
या जानबूझकर लड़ रहे थे !
अपनों के डरावने सपनों से !
डॉ लाल रत्नाकर
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