ज्ञान विज्ञान का आविष्कार
अज्ञानता और अंधकार का प्रचार यह किसको प्रभावित करता है क्या वह जो विकसित समाज है या जिसे अभावों के मध्य डालकर पाखण्ड के गोताखोर !
प्रकृति से परे दुनिया को
नियन्त्रित करने के भ्रम का भ्रामक थोथा नाटक कर रहे हैं। वास्तव में गणित विज्ञान
और संस्कृति का घालमेल कर । निरन्तर प्रलय को आमंत्रित कर ! अज्ञानता के आडंबर को
कवच बनाकर मानवता के लिए
त्रासद परिवेश गढ़ रहे हैं। हमने कैसा संसार गढ़ा है
जो निरन्तर हमारी प्रकृति को
नियंत्रित करने का त्रासद
विश्वास का व्यापार कर रहा है प्रकृति के विधान का सत्यापन
मनु के मानवता विरोधी षडयन्त्रकारी
आख्यान से कर रहा है। पाखंड को पोषित करने का
धार्मिक निदान रच रहा है ! अवाम को हद से भी ज्यादा
पागल बनाकर जिस मिथ्या प्रलाप से
गुणगान कर रहा है। वही तो है जो यह !
नया संधान कर रहा है। -डा.लाल रत्नाकर
अज्ञानता और अंधकार का प्रचार यह किसको प्रभावित करता है क्या वह जो विकसित समाज है या जिसे अभावों के मध्य डालकर पाखण्ड के गोताखोर !
प्रकृति से परे दुनिया को
नियन्त्रित करने के भ्रम का भ्रामक थोथा नाटक कर रहे हैं। वास्तव में गणित विज्ञान
और संस्कृति का घालमेल कर । निरन्तर प्रलय को आमंत्रित कर ! अज्ञानता के आडंबर को
कवच बनाकर मानवता के लिए
त्रासद परिवेश गढ़ रहे हैं। हमने कैसा संसार गढ़ा है
जो निरन्तर हमारी प्रकृति को
नियंत्रित करने का त्रासद
विश्वास का व्यापार कर रहा है प्रकृति के विधान का सत्यापन
मनु के मानवता विरोधी षडयन्त्रकारी
आख्यान से कर रहा है। पाखंड को पोषित करने का
धार्मिक निदान रच रहा है ! अवाम को हद से भी ज्यादा
पागल बनाकर जिस मिथ्या प्रलाप से
गुणगान कर रहा है। वही तो है जो यह !
नया संधान कर रहा है। -डा.लाल रत्नाकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें