शनिवार, 6 जून 2020

पुराना शहर है।

चित्र ; डॉ लाल रत्नाकर 
पुराना शहर है। जहां विकास का केवल नारा है। हमारा शहर तुम्हारे शहर से पुराना है। हमने विकास का सपना देखा। तुम्हारे शहर में विकास ही आधार है। इसके बहुत सारे बहाने हैं। क्योंकि हमें हमारे सच से छुपाना है। तुम्हारा सच तुम्हारा विकास किस काम का। विकास केवल नारा हो और दिखावा भी। सड़कें गलियां खंबे सबको सुंदर बनाने के लिए। असुंदर बना दिया गया हो विकास के नाम पर। क्या यही सब विकास के मायने हैं। तो क्या विकास एक आलीशान ख्वाब की तरह का सचमुच एक जुमला है। यदि जुमला है तो इससे पर्यावरण जरूर दूषित हो रहा होगा मन में भ्रम पैदा कर रहा होगा भक्त भजन कर रहा होगा। दोपहर में तारे देख रहा होगा। क्योंकि उसका ख्वाब उसका विकास। सब विनाश से तैयार किया गया है। तभी तो सत्य की जगह झूठ का। भेदभाव का अंतर्द्वंद का और मानुष का। विश्वास नहीं तिरस्कार किया गया है। इसलिए शहर भले पुराना है। सभ्यता और संस्कृति का वहीं पर आना जाना है। -डॉ लाल रत्नाकर

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