शनिवार, 5 सितंबर 2020

देश का गम नहीं है.

पंगु हो गए समाज में
लंगड़े,अपराधी,मवाली
बवाली,साधु,सन्यासी
राजा हो गये हैं !
राजा बनकर ये 
सब वही कर रहे हैं !
जो ऊपर वाले 
आजकल ही नहीं 
सदियों से वह 
यही कर रहे हैं ।
बहुत सारे लोग इन्हें 
जो कुछ कह रहे हैं 
वह इनसे डरे हुये हैं !
क्योंकि उनमें दम नहीं है !
देश का गम नहीं है.
अपनी खबर नहीं है.
गुलामी की फिक्र नहीं है.

-डॉ.लाल रत्नाकर