पंगु हो गए समाज मेंलंगड़े,अपराधी,मवाली
बवाली,साधु,सन्यासी
राजा हो गये हैं !
राजा बनकर ये
सब वही कर रहे हैं !
जो ऊपर वाले
आजकल ही नहीं
सदियों से वह
यही कर रहे हैं ।
बहुत सारे लोग इन्हें
जो कुछ कह रहे हैं
वह इनसे डरे हुये हैं !
क्योंकि उनमें दम नहीं है !
देश का गम नहीं है.
अपनी खबर नहीं है.
गुलामी की फिक्र नहीं है.
बवाली,साधु,सन्यासी
राजा हो गये हैं !
राजा बनकर ये
सब वही कर रहे हैं !
जो ऊपर वाले
आजकल ही नहीं
सदियों से वह
यही कर रहे हैं ।
बहुत सारे लोग इन्हें
जो कुछ कह रहे हैं
वह इनसे डरे हुये हैं !
क्योंकि उनमें दम नहीं है !
देश का गम नहीं है.
अपनी खबर नहीं है.
गुलामी की फिक्र नहीं है.
-डॉ.लाल रत्नाकर
2 टिप्पणियां:
Each bat he
Sach bat he
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