मंगलवार, 23 नवंबर 2021

किसान नहीं है बेईमान !



 किसान नहीं है बेईमान !
बेईमानों के खिलाफ !
रच दिया विश्व में इतिहास,
जो लगता था सपना
उसे साकार कर दिया।
ऐसी निरंकुश सरकार को।
उसके षडयंत्र को उजागर करके
आईना दिखा दिया !
अन्नदाता के खिलाफ !
किए गए जघन्य अपराध को,
माफी मांग कर बरी होना !
चाहते हो चतुर सुजान।
बरी नहीं किए जा सकते
सैकड़ों किसानों की जान ली है
तुम्हारे तुगलकी फरमान ने।
अब इसका इंसाफ करने के लिए
न्यायालय संज्ञान ले।
हर परिवार को एकमुश्त मदद
और पाल्य को पेंशन दे।
किसानों को कुचल ने वाले
मंत्री और उसके पुत्र को फांसी।
किसानों की पूरी मांग मान कर
उनके मुकदमे हटाए।
जितना भी कृषि विरोधी विधान
लाए हो सब वापस लो।
डॉ लाल रत्नाकर

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