बुधवार, 15 दिसंबर 2021

संविधान पढ़ना होगा !



मोक्ष नगरी है गंगा में स्नान से सारे पाप धुल जाते हैं पाप और पुण्य का कोई वैज्ञानिक आधार तो है नहीं इसका धर्म और अधर्म से सीधा संबंध बनता है। मनुस्मृति में अधर्म को लेकर और संविधान में धर्म को लेकर बहुत सारे विधान बनाए गए हैं मनुस्मृति ! एक व्यक्ति को अधिकार देती है। संविधान ! समता समानता और बराबरी का अधिकार देता है। यदि आपको धर्म और अधर्म का ज्ञान लेना है तो : संविधान पढ़ना होगा! और मनुस्मृति के प्रावधान छोड़ने होंगे यदि आप चाहते हैं कि संविधान का समता समानता का विधान आपके जीवन में खुशियां लाए और भाईचारा और बंधुत्व बढ़ाएं। डॉ.लाल रत्नाकर

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