वह लड़की !
जिसकी आँखों में
चमक है भविष्य की
भविष्य के उत्कर्ष की
उत्कर्ष के भविष्य की
दुनिया के आईने में
अपनी छवि और लगन
जेहन की क़द्र !
जिसकी आँखों में
चमक है भविष्य की
भविष्य के उत्कर्ष की
उत्कर्ष के भविष्य की
दुनिया के आईने में
अपनी छवि और लगन
जेहन की क़द्र !
बना गयी हज़ारो लाखों की
लेखनी ज्ञान अभिमान !
सीखा गयी अपमान सह !
मान बढ़ा गयी उस आधी
आवादी की शान बढ़ा गयी
और देश की दुनिया की
उड़ान और लगन !
उसकी आँखों में !
दिखती हुयी वह चमक !
वक़्त की कसम !
उड़ान और लगन !
उसकी आँखों में !
दिखती हुयी वह चमक !
वक़्त की कसम !
खिला गयी आगे बढ़ने की !
पूरी शक्ति से लड़ना सीखा गयी !
डॉ लाल रत्त्नाकर
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