यूक्रेन !
आधुनिक युग की त्रासदी
मानवीय अमानवीय !
पुतीन, की नीति और नीयति!
जेलेंस्की, की परीक्षा।
कौन ले रहा है, पुतीन ?
यह है उनके मुंह पर तमाचा।
जो नैतिकता की बात करते हैं।
फांसीवादियों ?
यह खतरनाक वक्त रुकेगा।
तब तक कितने जेलेंस्की !
जीतेंगे स्वाभिमान के साथ।
या मरते जाएंगे ?
रुस तुम बदल गए हो।
हमारे मुल्क से रिश्ते ?
तुम्हारा धर्म और विरोध !
नफरत के ज्वालामुखी पर।
हाहाकार कर रहा है।
मानवता के चहरे पर।
आधुनिक युग की त्रासदी।
यूक्रेन सह रहा है।
यूक्रेन जल रहा है।
रूस तेरी क्रूर मानसिकता से।
रुस बाज आओ!
- डॉ लाल रत्नाकर
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