आधुनिक युग में
परिवर्तन की बयार
सभी क्षेत्रों में चल रही है।
परिवर्तन को स्वीकारने का
माद्दा कितने लोगों में होता है।
आपको अंदाजा है?
इसको मीडिया के भरोसे
छोड़कर।
आप अपनी सोच को,
भले बदल दीजिए।
आपकी सोच को गोलमोल
करने का माद्दा किसमें है।
आखिरकार गोदी मीडिया में
या लाभार्थी चैनलों में।
चुनाव में बहुत कुछ
देखने को मिला है।
और तो और आपके घर के भीतर,
हल्ला मचा रहा होता है :
अरे भैया फलाने फलाने।
जिलों में यह हो गया है
वह हो गया है।
किसी भी क्षेत्र में
पुरानी सरकार ने।
सत्यानाश करने के बाद।
जनता से आधुनिक
तरीके से बेवकूफ बनाकर
बहुमत ले लिया है।
या जनता जीत रही है।
तय होगा इक्जैक्ट पोल में।
- डॉ लाल रत्नाकर
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