मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

पाखंड के पीछे दीवाने हैं।

 
कोशिश करिए शायद
कुछ याद आ जाए।
क्योंकि जो भूल गए हैं
अपने इतिहास को
क्रांति की आवाज को
वही तो हैं जो रात दिन
इस पाखंड के पीछे
दीवाने हैं।
जिसके कोई नहीं ठिकाने हैं।
इन्होंने धर्म के बारे में 
क्या कहा था जानते हैं।
इनकी बात को 
आप क्यों नहीं मानते हैं।
उनकी मानते हैं।
जो रात दिन ।
नफरत और जहर बोते हैं।
तभी तो आप कभी कभी रोते हैं।
कोशिश करिए शायद याद आ जाए।

- डॉ लाल रत्नाकर




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