सोमवार, 25 अप्रैल 2022

वर्ण और जाति।





एक के पास चर्च है
दूसरे के पास मस्जिद है
और तीसरे के पास मंदिर।
हमारे पास तो कुछ भी नहीं है।
रोजगार के नाम पर
मंदिर के सामने 
फूल की दुकान लगा लो।
पानी का ठेला लगा लो
चाय का ठेला लगा लो
जूते रखाने का ठेला लगा लो
और कुछ कर सकते हो तो
इसी तरह का फल फ्रूट 
और छोटे-मोटे 
खिलौने की दुकान लगा लो।
पर ध्यान रखना 
बुलडोजर बाबा का!
यदि उनको तुम्हारे कपड़े 
तुम्हारा रूप तुम्हारी दाढ़ी
तुम्हारी चमड़ी पसंद नहीं आए।
वर्ण और जाति।
का मेल नहीं खाया।
तो बुलडोजर के तेल का 
दाम भी तुम्हीं से लेंगे।
तुम्हारा सब कुछ ढकेल देंगे।
कौन से धर्म में हो तुम।
तुम्हें किस धर्म में अधिकार है।
राम मंदिर ट्रस्ट सूची में
कोई पद है तुम्हारे पास।
अरे पगले कहां बन रहे हो।
बनना ही है तो वह बनो।
जिसका रास्ता पेरियार और
भगत सिंह ने दिखाया है।
ज्योतिबा फुले ने बताया है।
बाबा साहब के संविधान ने
सावधान किया है।
- डॉ लाल रत्नाकर






कोई टिप्पणी नहीं: