सवाल चुनाव का नहीं है
सवाल तो यह है कि
चुने जाने के बाद क्या करेंगे।
उसे किसकी छवि बनेगी।
उनकी छवि का क्या होगा
जो मेहनत और परिश्रम से
ज्ञान और विज्ञान से
मान और अपमान से
निकलते हुए स्वाभिमान से
खड़े हैं समाज के सामने
लेकिन उनका क्या होगा
जिनके सामने इन सब चीजों की
कोई ना तो कदर है न आदर है
अपमान और सम्मान उनके लिए
एक दिन की तरह
आता और चला जाता है।
परंतु उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता
फर्क उन पर पड़ता है
जो समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण में लगे हैं।
उनका क्या जो किसी के नहीं सगे हैं।
-डॉ लाल रत्नाकर

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