यह नफरत का चरम
किसकी वजह से है।
सबका साथ सबका,
विकास,कैसा प्रचार है?
भूखमरी और मुफ्त अन्न,
विकास का कैसा रूप है।
अंधेरी रात में कैसी धूप है।
अंधभक्ति का वक्त है या
गुलामी की अनगूंज है।
जो है वक्त का तकाजा,
वह कैद जो जद्दोजहद करें।
खुल्ला है वह सांड,
जो जितना खौफनाक है।
यह नफरत का परचम,
कौन लहरा रहा है।
- डॉ लाल रत्नाकर
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